सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट-सिद्धार्थ ) : कांग्रेस पार्टी ने महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘महंगाई मैन’ मोदी ने जनता की थाली में आग लगा दी है। आटा, तेल, दाल, सब्ज़ी, फल सबकी कीमतें आसमान छू रही हैं। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बढ़ती महंगाई पर प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जनता त्रस्त है और साहेब बहादुर मस्त हैं। पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ाने और जनता से टैक्स वसूल करने में व्यस्त मोदी सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को भूल चुकी है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार मुनाफाखोरी छोड़ महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए। महंगाई से प्रभावित सबसे गरीब तबके को आर्थिक राहत पहुंचाई जाए।
श्रीनेत ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और आलू से लेकर चावल और गेहूं, अरहर दाल, चायपत्ती ने परिवारों के बजट बिगाड़ डाले हैं। जो टमाटर एक महीने पहले 10-15 रुपये किलो बिक रहा था वह अब 100-150 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। टमाटर के बाद मिर्च के दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। देश के अधिकांश हिस्सों में हरी मिर्च की कीमत 400 रुपये किलो पर पहुंच चुकी है। नींबू भी चार सौ को पार कर चुका है। इनके साथ ही धनिया 200 रूपये प्रति किलो, अदरक 400 रूपये प्रति किलो, लहसुन 130 रूपये प्रति किलो, परवल 80 रूपये प्रति किलो, अरबी 80 रूपये प्रति किलो और भिंडी 70 रूपये प्रति किलो हो गई है। आने वाले दिनों में कीमत और बढ़ने की उम्मीद है। यह क़ीमत सिर्फ़ बारिश की वजह से ही नहीं, बल्कि सामान के ट्रांसपोर्टेशन की कीमत की वजह से भी बढ़ रही हैं।
श्रीनेत ने कहा कि आज सब्जी ही नहीं दाल भी आम जनता के लिए दूभर हो गई है। अरहर के साथ-साथ उड़द दाल भी महंगी हो गई है। बाजार में अरहर और उड़द की किल्लत है। पिछले तीन महीने के अंदर ही अंदर अरहर दाल की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 72 से 75 रुपये किलो मिलने वाली अरहर दाल अब दिल्ली-एनसीआर में 160 से 170 रुपये किलो हो गई है। इसी तरह उड़द दाल भी 30 रुपये महंगी हो गई है। अब एक किलो उड़द दाल के लिए लोगों को 80 की जगह 110 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। यही नहीं दाल और सब्जी का जायका बढ़ाने वाला जीरा के दाम में भी एक महीने में 200 रुपये किलो इज़ाफ़ा हुआ है। अब एक किलो जीरे की कीमत लगभग 800 रुपये है। यही जीरा कुछ साल पहले तक 180 से 200 रुपये किलो हुआ करता था।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार 500 रूपये में गैस सिलेंडर दे रही है। कर्नाटक में महिलाओं को मुफ्त बस सेवा मिलने से उनके हाथों में अतिरिक्त बचत हो रही है। अगर केंद्र सरकार चाहे तो एक मिनट में एक्साइज ड्यूटी घटाकर महंगाई से बड़ी राहत दी जा सकती है। आख़िर सरकार किस बात की वसूली पर आमादा है? मोदी सरकार के कार्यकाल में औसतन कच्चे तेल की कीमत $65 प्रति बैरल रही है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते दाम ऊपर गए थे, वह अब गिरकर $70-$75 के बीच में आ गए हैं। भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल भी खरीद रहा है, लेकिन जनता के लिए पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम कम नहीं किए जा रहे हैं।