सोशल संवाद / डेस्क : मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) डिग्री वालों को अब यूपी रोडवेज में बड़े पोस्ट पर नौकरी मिलेगी। हालांकि, यह नौकरी सरकारी नहीं होगी, बल्कि ठेके की होगी। जी हां, यूपी रोडवेज में अब संविदा पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (ARM) तैनात किए जाएंगे। ताकि, यूपी रोडवेज में चल रही अधिकारियों की कमी को आउटसोर्सिंग के जरिए पूरा किया जा सके। इसे लेकर यूपी रोडवेज मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ने गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी रीजनल मैनेजर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, शासन से हरी झंडी मिलते ही परिवहन निगम ने अधिकारियों की कमी को आउटसोर्स से पूरा करने के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। जिसके तहत प्रदेश भर में 50 से 60 ARM तैनात किए जाएंगे।
गोरखपुर रोडवेज के रीजनल मैनेजर पीके तिवारी ने बताया, बस डिपो पर संविदा पर ARM तैनात किए जाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। संविदा ARM महीने में करीब 50 हजार रुपये देने की योजना बन रही है। इसके लिए जल्द ही लखनऊ हेडक्वार्टर से विज्ञापन भी जारी हो सकता है। MBA डिग्री धारकों का रिटन एग्जाम के साथ ही इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के बाद भी ARM पोस्ट पर तैनाती की जाएगी।
दरअसल, यूपी रोडवेज में कर्मचारियों की ही नहीं अधिकारियों का भी भारी कमी है। जिसकी वजह से रोडवेज का काम काफी प्रभावित होने लगा है। हालत यह है कि सुपरवाइजर स्तर के रोडवेजकर्मियों को ARM की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। गोरखपुर डिपो पर ही कई साल बाद ARM की तैनाती हुई है।ऐसे में अधिकारियों की सीधी भर्ती नहीं होने से मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। रोडवेज डिपो में एक तो ड्राइवर और कंडक्टर नहीं है, जो तैनात भी हैं उनकी सही ढंग से निगरानी नहीं हो पा रही। इसे देखते हुए यूपी रोडवेज भी अब रेलवे की राह पर चलना शुरू कर दिया है। ड्राइवरों और कंडक्टर के बाद अब संविदा पर अधिकारियों की तैनाती प्राइवेटाइजेशन की तरफ इशारा कर रहा है।
इतना ही नहीं, रोडवेज से अनुबंधित बसों के मालिक अब ड्राइवर के साथ ही कंडक्टर भी रख सकेंगे। यूपी रोडवेज के एमडी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कंडक्टर्स की कमी का मुद्दा भी जोरशोर से उठा। प्रदेश भर के रीजनल मैनेजरों ने उन्हें बताया कि कंडक्टर्स की कमी से बसें खड़ी हो जा रहीं हैं। जिससे कि निगम की आय भी प्रभावित हो रही है। वहीं, इससे सबसे अधिक परेशानियों का सामना यात्रियों को करना पड़ रहा है।
जिसपर एमडी ने कहा कि बस मालिक जब ड्राइवर रख सकते हैं तो फिर संविदा पर कंडक्टर्स क्यों नहीं। एमडी की पहल पर अब रोडवेज ने इसकी योजना भी बनानी शुरू कर दी है। जल्द ही इसका खाका भी तैयार कर लिया जाएगा।गोरखपुर रीजन में 400 कंडक्टर्स की कमी
वहीं, गोरखपुर डिपो में 101 और राप्तीनगर डिपो में 196 सहित गोरखपुर में ही कुल 296 कंडक्टर्स की कमी है। जबकि, गोरखपुर रीजन में करीब 400 कंडक्टर्स की कमी चल रही है। इसके चलते सभी बसें संचालित नहीं हो पा रहीं। लगभग 100 बसें खड़ी रह जाती हैं।