सोशल संवाद/डेस्क : मानगो संकोसाईं स्थित जयप्रकाश स्कूल( जे पी स्कूल )में आज भारत के स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती मनाई गई. इस अवसर में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह स्कूल परिसर में उन्हें श्रद्धांजलि एवम माल्यार्पण किया .अपने संबोधन में अभय सिंह ने कहा सुभाष चंद्र बोस एक उत्तीर्ण्य विद्यार्थी होने के साथ-साथ एक विद्वान क्रांतिकारी भी थे उनके बाल अवस्था से ही उनके जेहन में भारत माता की आजादी संकल्प लेकर कई आंदोलन किए. उन्होंने ही नारा दिया था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा और साथ ही जय हिंद का नारा भी उनके उद्घोष के द्वारा ही हुआ और यह दोनों नारा आज तक भारतीय राजनीति और भारतीय युवाओं के प्रेरणा के स्रोत बन चुके हैं .
आज भी उनकी गाथा भारत के नौजवानों के लिए प्रासंगिक है जिसे हमें समझना होगा सुभाष चंद्र बोस एक निडर, निर्भीक, महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना करके अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए वे केवल भारत के नेता नहीं बल्कि जापान, जर्मन, कोरिया, चीन, रंगून जैसे देश में भी लोकप्रिय थे. मोहनदास करम चंद्र गांधी को उन्होंने ही महात्मा कहकर संबोधित किया जिसके कारण लोगों ने मोहनदास करम चंद्र गांधी को महात्मा गांधी कहने लग गए वे महात्मा गांधी के प्रति बहुत ही आदर करते थे लेकिन कुछ बातों में उनकी मतभिन्नता भी थी. सुभाष चंद्र बोस आईसीएस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद देश के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी और देश की आजादी के आंदोलन में कूद गए आज सभी प्यारे बच्चों को उनकी कहानी को केवल अध्ययन नहीं करना है बल्कि उनके विचारों को आत्मसात भी हमें करना है.
सुभाष चंद्र बोस एक अच्छे कुशल कर नेतृत्व देने की क्षमता उनके अंदर में कूट-कूट करके भरी थी तभी वह मात्र कुछ वर्ष के अंदर ही भारत में ख्याति प्राप्त कर लिए । दुर्भाग्य है इस देश की आजादी के 2 वर्ष पहले ही उनका मौत हो गया. अगर वे जीवित होते तो भारत का मानचित्र और ही कुछ परिवर्तन होता . हम सभी प्यारो प्यारे बच्चों को उनके जीवन से कुछ सीखना है और उनके अच्छे विचारों को अपनाना सह संकल्प लेना है. स्कूल के महाप्रबंधक श्री अर्जुन शर्मा , भाजपा नेता श्री विजय तिवारी, श्री शंभू त्रिवेदी सहित स्कूल परिसर के शिक्षक शिक्षिकाएं भी उपस्थित थी. बच्चों ने वंदे मातरम गीत और राष्ट्रगान गाकर के कार्यक्रम को प्रारंभ किया इस अवसर में असंख्य बस्ती भी उपस्थित थे.