May 2, 2024 10:23 pm
Search
Close this search box.
Srinath University Adv (1)

इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है…जिस पर हो रहा है भारी स्कैम

electoral bond
Xavier Public School april

सोशल संवाद/डेस्क : साल 2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की घोषणा की थी. इसे 29 जनवरी 2018 को कानूनी रूप से लागू किया गया था. सरकार का कहना था कि चुनावी चंदे में ‘साफ-सुथरा’ धन लाने और ‘पारदर्शिता’ बढ़ाने के लिए इस स्कीम को लाया गया है. एसबीआई की 29 ब्रांचों से अलग-अलग रकम के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाते हैं । पिछले कई दिनों से इलेक्ट्रोल बोंड घोटाले का नाम चर्चा में रहा है ।

यह भी पढ़े : बीएससी नर्सिंग, बी फार्मा समेत कई कोर्सेज में 30 तक कर सकेंगे आवेदन

भाजपा के सरकार और SBI के ऊपर ये आरोप लगा है कि भाजपा ने 60% तक SBI से इलेक्टोरल बोंड खरीद रखा है और बाकी के बचे 40% इलेक्टोरल बोंड , सारे विपक्ष पार्टी के इलेक्टोरल बोंड मिला कर पूरे होते हैं , इलेक्टोरल बोंड के खरीदारी और उसे इस्तेमाल तक पूरी जानकारी छुपाई जाती है, जिससे ये पता नहीं चलता है कि किसने कौन से पार्टी को चंदा या फंड दिया है , अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशो में , देश के हर नागरिक को ये जानकारी रहती है कि चुनाव में लड़ने वाले कौन से पार्टी किन कंपनियों या संस्थाओ से पैसे ले रहे हैं और उससे देश का फायदा कैसे हो सकता है , जबकि हमारे लोकतंत्रिक भारत देश में चुनावी चंदा का लेन-देन पूरी तरह से  इलेक्टोरल बोंडस के एक्ट्स से छुपाया जाता था । इसीलिए 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बोंडस को असंवैधानिक घोषित कर दिया ।

और ऐसे होते ही सभी विपक्षी दलों ने एकदम से मोदी और भाजपा को कोसना शुरू कर दिया , सभी विपक्षी पार्टियों का कहना है कि 2018 में  इलेक्टोरल बोंड एक्ट BJP ने  संसद में Passed किया था , वो पूरी तरह से गैरकानूनी और बहोत बढ़ा घोटाला है , वास्तव में ये कई सारे घोटाले का एक पूरा गुच्छा है , जिससे सिर्फ और सिर्फ BJP को ही हजारों करोड़ों रुपयों का फायदा मिल रहा है , जो उन्हें 2024 के इलेक्शन में एक ग़लत तरीको से फायदा देगा।

अब विपक्षी पार्टियों ने इस मामले में कई मुख्य आरोपी लगाए हैं , जैसे , BJP इलेक्टोरल बोंडस के माध्यम से ओपोजिशन के फंडिंग को ही रोक रही है , खुद कांग्रेस ने ये आरोप लगाया है कि BJP ने उनके अकाउंट तक को फ्रिज करके रख दिया , अब उनके पास पार्टी वर्कर्स तक को देने के लिए पैसे नहीं हैं , तो इलेक्शन ऐसे हालात में कैसे पूरे कर पाएंगे । एक और मुख्य आरोप है इलेक्टोरल बोंडस असल में चंदा दो और धंधा दो वाली स्कीम है , सरकार इस स्कीम में आम इंसान के टैक्स को लूट कर  , बड़े अरब पतियों के जेबे भर रही है । क्या विपक्ष पार्टियों का ये आरोप सही हैं या भाजपा को counter करने की कोशिश है ।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
जाने छठ पूजा से जुड़ी ये खास बाते विराट कोहली का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 5 नवंबर 1988 को हुआ. बॉलीवुड की ये top 5 फेमस अभिनेत्रिया, जिन्होंने क्रिकेटर्स के साथ की शादी दिवाली पर पिछले 500 सालों में नहीं बना ऐसा दुर्लभ महासंयोग सोना खरीदने से पहले खुद पहचानें असली है या नकली धनतेरस में भूल कर भी न ख़रीदे ये वस्तुएं दिवाली पर रंगोली कहीं गलत तो नहीं बना रहे Ananya Panday करेगीं अपने से 13 साल बड़े Actor से शादी WhatsApp में आ रहे 5 कमाल के फीचर ये कपल को जमकर किया जा रहा ट्रोल…बच्ची जैसी दिखती है पत्नी